BPSC Result: पति को नहीं मिली सफलता, तो पत्नी ने उनकी किताबों से पढ़कर हासिल की 31वीं रैंक, अब बनी अधिकारी
डॉ. विभा ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड के नवादा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय से हुई थी. जबकि, यहां के चैपमैन स्कूल से मैट्रिक पास की. वह स्नातक में मुजफ्फरपुर यूनिवर्सिटी टॉपर रही हैं.
राजकुमार सिंह/वैशाली. मेरे पति ने भी बीपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी. फिर मैंने प्रयास किया, तो सफलता मिल गई. यह कहना है 68वीं बीपीएससी की परीक्षा में 31वां स्थान पाने वाली डॉ. विभा भारती का. विभा कला संस्कृति विभाग में पदाधिकारी बनी हैं. उनकी इस सफलता से पति समेत ससुराल और मायके के लोग काफी खुश हैं. डॉ. विभा कहती हैं कि अधिकारी के रूप में वह ग्रामीण क्षेत्र के युवक और युवतियों में छुपी कला को निखारने का प्रयास करेंगी. वह वैशाली जिले के गोरौल प्रखंड के कटरमाला पंचायत के पैक्स अध्यक्ष रघुराज बिहारी शरण की पुत्रवधू और डॉ. गुंजेश कुमार की पत्नी हैं.
डॉ. विभा बताती हैं कि उनके पति पहले बीपीएससी की तैयारी करते थे. हालांकि, उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने अपनी किताबों को समेट कर रख दिया था. जब वह खुद बीपीएससी की तैयारी करने लगी, तो उन किताबों को पढ़ना शुरू किया. इसके अलावा लाइब्रेरी में भी 4 से 5 घंटे तक पढ़ती थी. आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई. डॉ. विभा फिलहाल मुजफ्फरपुर के तुर्की स्थित B.Ed कॉलेज में लेक्चरर के रूप में प्रतिनियुक्त हैं. वह बताती हैं कि पहली बार बिहार में कला संस्कृति विभाग में 38 जिले के लिए 38 पद सृजित हुए थे.
संगीत में रही हैं गोल्ड मेडलिस्ट
डॉ. विभा ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड के नवादा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय से हुई थी. जबकि, यहां के चैपमैन स्कूल से मैट्रिक पास की. वह स्नातक में मुजफ्फरपुर यूनिवर्सिटी टॉपर रही हैं. हालांकि, यहां संगीत में पीजी डिपार्टमेंट नहीं होने के कारण उन्हें दरभंगा भी जाना पड़ा. पीएचडी के दौरान वह जॉब भी करती रही. वह प्लस टू की शिक्षिका रही, वहां से उनकी प्रतिनियुक्ति B.Ed कॉलेज मुजफ्फरपुर में हुई. अभी भी वहां लेक्चरर हैं. डॉ. विभा ने बताया कि उनकी सफलता में दीदी का बड़ा योगदान रहा है.
डॉ. विभा ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड के नवादा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय से हुई थी. जबकि, यहां के चैपमैन स्कूल से मैट्रिक पास की. वह स्नातक में मुजफ्फरपुर यूनिवर्सिटी टॉपर रही हैं. हालांकि, यहां संगीत में पीजी डिपार्टमेंट नहीं होने के कारण उन्हें दरभंगा भी जाना पड़ा. पीएचडी के दौरान वह जॉब भी करती रही. वह प्लस टू की शिक्षिका रही, वहां से उनकी प्रतिनियुक्ति B.Ed कॉलेज मुजफ्फरपुर में हुई. अभी भी वहां लेक्चरर हैं. डॉ. विभा ने बताया कि उनकी सफलता में दीदी का बड़ा योगदान रहा है.